गीत
संच-मंच रहए कहाँ दइए
यार यौ, संचमंच रहए कहाँ दइए
मकड़ी फड़ खुआ-खुआ
टीक पकड़ि खिंचैत रहैए
भजार यौ, संच-मंच रहए कहाँ दइए।
चिड़चिड़ी छीट-छीट कखनो
ओझरी टीक लगबैए।
पोझरी पकड़ि-पकड़ि
खेल नाच लगबैए।
यार यौ, संच-मंच रहए कहाँ दइए।
कहियो रंग कहियो कादो
सभपर सभ फेकैए।
रंग-सियाही बदलि
आँखि दुइर करैए।
यार यौ......।
))((
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