गीत
चलू उचितपुर देस, यौ-भैया चलू....
नै अछि भेदभाव ओतए िकछु,
नै अछि चोर-बेमान।
नै अछि छोट-पैघक अंतर,
सबहक एक्के भेस,
यौ भैया.....
सबहक चालि-ढालि एक्के अछि,
सबहक मान-सम्मान।
आगि-पानिक भेद कोनो नै,
सबहक एक्के देस।
यौ भैया.....
पढ़ै-लिखैक एक्के रस्ता अछि,
सबहक एक्के उदेस।
जिनगीक तँ एक्के विचार अछि
नै अछि देस-िवदेस।
यौ भैया.......
माए-बहिन सबहक एक्के छी,
बाल-बच्चा सभ एक।
एक्के खाहिंस सभकेँ होइ छै
ने कम ने िबसेस।
यौ भैया....।
))((
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