गीत
दिन घटतै आकि राति यौ भैया
मौसम मुस्की दैत छै
साले दिनक समैये कते
लीलाक रंग बदलैत छै
दिन घटतै आकि राति....।
अपन-अपन सनेस बाँटि सभ
सुरभित वायु परसैत छै
खसल-पड़लमे जान फूकि
थामि-थामि उठबैत छै
दिन घटतै आकि राति....।
समए ने ककरो संग पुड़ैए
ने ककरो संग दैत छै
अपन-अपन सभ समेटि-समेटि
सिरे-सिर उठबैत छै
दिन घटतै आकि राति.....।
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