गीत-
जिनगीमे जे संग पूड़ैए
संगी वएह कहबैत रहैए।
संग ससरि, घुसुकि-पुसकि
प्रेमी मित्र कहबैत रहैए।
जिनगीमे जे संग पूड़ैए
संगी वएह कहबैत रहैए।
मित्र बनि मैत्रेयी पकड़ि
जिनगीक झूल झूलैत रहैए
लेख-जोख कर्मक करैत
गुण गुण मन गुणैत रहैए।
जिनगीमे जे संग पूड़ैए
संगी वएह कहबैत रहैए।
संगी, प्रेमी दोस्त भजार
बैसि बाट बतिआइत रहैए।
संग-कुसंग, कुसंग-संग
नीड़ नोर निनिआइत रहैए।
जिनगीमे जे संग पूड़ैए
संगी वएह कहबैत रहैए।
संग ससरि घुसुकि-पुसुकि
प्रेमी मित्र कहबैत रहैए।
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