दीप तँ लेसैत छी
मुदा बातीये सुखायल अछि
हमर ख़ुशी तँ हुनक उदासीमे नुकायल अछि....
कतेको बसंत आयल
आ चलि गेल वयसकेँ समेटि
आशा-अभिलाषाक पूनम लऽ लेलनि अमा समेटि
गीत तँ गाबऽ चाहैत छी
मुदा राग भोथियायल अछि
हमर ख़ुशी तँ हुनक उदासीमे नुकायल अछि........
मृगतृष्णा केर पाछू तँ
हम सदिखन दौगि रहल छी
श्वेत वसन केर कारीखकेँ
सदिखन ढोइ रहल छी
डेगहि डेगपर अछि शंका
मुदा संगी हमर पछुआयल अछि
हमर ख़ुशी तँ हुनक उदासीमे नुकायल अछि.....!
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