मैथिली कविता
मैथिली पद्य -मैथिली कविता विदेह पेटारसँ
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Tuesday, August 28, 2012
झोंक जुआनी झोंकए :: जगदीश प्रसाद मण्डल
गीत-
झोंक जुआनी झोंकए लगै छै
उष्मा पाबि उमसए लगै छै।
झोंक जुआनी.......।
जाधरि सिर सृजै शिशिर छै
हार-मासु सिहरैत रहै छै।
सुनिते कोकिल कुहुकि वसंती
भनभनाइत मन तनतनाए लगै छै।
झोंक जुआनी.........।
रंग-विरंगक वन-उपवनमे
रंग-रंगक फूल खिलए लगै छै
पाबि रस मधुमाछी सिरजए
कोनो बिख चुभकैत रहै छै।
झोंक जुआनी.......।
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