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Tuesday, September 4, 2012

मिहिर झा -रुबाइ



किछु मीत भेटल किछु प्रीत भेटल
चहकैत नभमे किछु गीत भेटल
जन्म लेब नै छल हाथ मे अपन
जगकर्म करैत किछु रीत भेटल
बहुत पी लेलौं आब अओर जिद नै करू
बहुत जी लेलौं आब अओर जिद नै करू
टूटि रहल करेज हमर किश्त किश्त मे
बहुत सी लेलौं आब अओर जिद नै करू
छेद भेल करेज मे शराब कोना राखी
बहकल दिमाग मे हिसाब कोना राखी
जड़िल सिनेह छल सात जनमक
बितल उलहनक जवाब कोना राखी
भीजल केशस खसल बुन्न शराबक गिलासमे
शराबो निशामे माति गेल मिलनक अभिलामे
रहितौं जँ महादेव पचा लैतौं यौवनमद
देखि आब तृप्त भेलौं अनंत नित्य उल्लासमे
ऊँच नीचक भेद मिटबै छै शराब
दुश्मनो के दोस्त बनबै छै शराब
ड़ै कतबो बैसि टेबुल पर मुदा
डोलैत संग संग निकलै छै शराब
शराब त पानि छै निशा एकर अही छी
सिनेह त ठाम छै दिशा एकर अही छी
छैक शराबी संग टूटल करेजक गाथा
शराब पीबै कोइ खिस्सा एकर अही छी
अहा छोड़ि गेलौं हमरा देखू दारू बजा रहल अछि
लाल रंग मे रंगि देखू हमरा सजा रहल अछि
अस्पताल एक्केटा करेजक चोटक दुनियामे मिहिर
सिनेह देखि शराबक देखू दुनिया लजा रहल अछि
शराब देखि किछु मोन पड़ैए
बबूरक काट करेज गड़ैए
छोड़ि ने जा ई शराबो हमरा
तुरंत एकरा पीबड़ैए
लोक कहै जीबै ले पीयै छी शराब
मोन कहै पीबै ले पीयै छी शराब
सुनै बुझैक ज्ञान बचल नै आब
करेज के सीबै ले पीयै छी शराब
१०
हमर मोन झुमिते रहल हुनक गीतपर
दुनिया डाह करिते रहल एहेन मीतपर
अगिला जन्म ल उधार लुटाएल हुनका पर
समस्त हारि गबिते रहल हुनक जीतपर
११
मचोड़ल करेज देखि चान हँसि देलक
खूनक नोर देखि शमशान हँसि देलक
प्रीत केलौं एकदिसाहे हम प्रीतम सँ
पुछलौं जे दोष भगवान हँसि देलक
१२
सौ पटकनिया लगा देत हम्मर आँखिक काजर
सौंसे नगरिया घुमा देत हम्मर आँखिक काजर
पाछू पाछू डोलि हमर जनू करू सम बर्बाद
बीच बजरिया लुटा देत हम्मर आँखिक काजर

बन्द
चंचल यौवन लैत उफान छैक
कुंदन वसन भरै गुमान छैक
अंजन रंजित नयन वाण
हरि लेलक ई सभक प्राण
शस्त्र एहेन केलौं निर्माण
त्राहिमाम हे देव करू त्राण
चाह नै ई त विधि विधान छैक

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