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Tuesday, September 4, 2012

स्तुति नारायण -मन पड़ैत अछि...



मन पड़ैत अछि पोखरि-झाखरि,
अपना गामक बान्ह
अपना गामक खेत-पथार
टेढ़-मेढ़ ओ बाट
मन पड़ैत अछि महमह गमकैत,
मोजरल आमक गाछ
भोर अन्हारे महु बिछि आनब,
लोढ़ब फुल-बेलपात
मन पड़ैत अछि लुधकल जामुन,
लीची, बैर, अनार
आमक कुच्चा, सागक मोचरा,
इमली आर अचार
रनै-बनै कत फिरै छँ,
माक झिड़की डा
चल सभ बच्चा कलम चलै छी
पिताक सहज दुलार
टोला परके धिया पुता आर
कलमक ऊँच मचान
गप-सप आ हसी-सी मे
सीखब जीवन पाठ...

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